Wednesday, May 25, 2011

कमलनाथ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बाबा रामदेव के साथ


 मेरा कोई गुप्त राजनीतिक एजेंडा नहीं है-रामदेव
कमलनाथ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बाबा रामदेव के साथ
बाबा रामदेव देश में चार सौ लाख करोड़ के काले धन को राष्ट्रीय सम्पत्ति मानते हैं।
भूमि अधिग्रहण पर प्रतिबंध लगे रामदेव
4 जून से दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह शुरू करने जा रहे बाबा रामदेव का कहना है कि सत्याग्रह के उनकी तीन प्रमुख मांगे हैं. इनमें पहली मांग है कि लगभग चार सौ लाख करोड़ रूपये के काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाये और उसे वापिस भारत लाया जाये, तथा काला धन जमा करने वालों के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान किया जाये। दूसरी माँग सक्षम, निष्पक्ष एवं समर्थ लोकपाल का कठोर कानून बनाकर भ्रष्टाचार पर पूर्ण अंकुश लगाया जाये तथा इसमें भ्रष्टाचारियों से वसूली एवं उन्हें सजा का प्रावधान हो। तीसरी माँग स्वतंत्र भारत में चल रहा विदेशी तंत्र (ब्रिटिश रूल) खत्म होना चाहिए, जिससे कि सबको आर्थिक व सामाजिक न्याय मिलें।
VO मंगलवार की सुबह पांच बजे से पॉलिटेक्निक मैदान में आयोजित शिविर में हजारों लोगों को योग का बाबा ने प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में जिले जिले के कोने-कोने से लोग आए। राज्य सरकार के अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बड़े इंतजाम यहां किए गए थे।शिविर समाप्ति के तुरंत बाद मंच पर ही बाबा रामदेव की पत्रकार वार्ता आयोजित हुई और । राजनीति को दलदल से निकालकर दंगल की संज्ञा देते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि अच्छे सुशिक्षित और देशभक्त लोगों को राजनीति से जुड़ना चाहिए।बड़े नोटों  के प्रचलन पर रोक लगाने की पुरानी मांग के संबंध में बाबा ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने बड़े नोटों में प्रतिबंध की मांग को गंभीरता से लिया है। न्याय के नाम पर अन्याय करने वाले ३४७३५ मैकाले के अंग्रेजी कानून के बदलाव को भी उन्होंने प्रासंगिक बताया है। बाबा ने कोई चुनाव नहीं लड़ने की बात कहते हुए कहा कि जबावदेह राजनैतिक व्यवस्था बहुत जरूरी है। उन्होंने किसी भी राजनैतिक दल से गुप्त एजेंडे की बात से भी इंकार किया है।उच्च शिक्षा हिन्दी और स्थानीय भाषायें हों। बोजों पर एकाधिकार समाप्त हो और भूमि अधिग्रहण पर प्रतिबंध लगे इस सबके लिए ही सत्याग्रह और सकारात्मक सुधार की पहल की जा रही है। राजनैतिक स्वच्छता के लिए प्रधानमंत्री का निर्वाचन सीधे जनता से हो यह मांग भी बाबा ने बुलंद की है।दिल्ली में ४ जून से प्रस्तावित सत्याग्रह आंदोलन के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को लिखे गए पत्र को पेश करते हुए बाबा ने कहा कि समयबद्घ और चरणबद्घ भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह बापू की परम्परा का अनुकरण है। भूख, गरीबी, अभाव, अशिक्षा और नक्सलवाद जैसी समस्याओं का मूलाधार उन्होंने भ्रष्टाचार को बताया है। बाबा रामदेव देश में चार सौ लाख करोड़ के काले धन को राष्ट्रीय सम्पत्ति मानते हैं।
 बाबा रामदेव ने कहा कि जातिवाद कभी नहीं मिट सकता है क्योंकि यह पौराणिक परम्परा है। जाति और मजहब के नाम पर वैमनस्य के लिए हमारी गरीबी और अशिक्षा जिम्मेदार है। सदभाव और समभाव ही इसका निकाल बनेगा। योग गुरू बाबा रामदेव ने अपने भक्तो से कहा कि मैं 4 जून को नई दिल्ली में एक लाख लोगो के साथ काले धन को लेकर सत्याग्रह करने जा रहा हूं आप सभी जिला स्तर पर सत्याग्रह करे। बाबा रामदेव ने कहा कि विदेशी बैंको में पड़ा कालाधन स्वदेश वापस आ जाता हैं तो देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता हैं। योग गुरू बाबा रामदेव की सभा में पूरे जिले से लगभग पांच हजार लोगो की भीड़ एकत्र हुई थी। बाबा के कार्यक्रम के दौरान बाबा के साथ आए वाहनो में लाई गई सामग्री की बिक्री जमकर हुई।
FINEL VO जब योगऋषि से बैतूल में आयोजित हुए उनके कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और छिंदवाड़ा में केंद्रीय मंत्री कमलनाथ एवं सिवनी में हरवंश सिंह के उपस्थित होने की बात कही गई तो उन्होंने प्रश्न के जवाब को घुमाते हुए कहा कि मैं दलगत आधार पर किसी को महत्व नहीं देता, सभी दल के लोग जो मेरी बात से सहमत हैं उन्हें अपने साथ रखने में मुझे कोई गुरेज नहीं होता। दिग्गी राजा के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने नो कॉमेंन्टस कहकर बात कों वही खत्म कर दिया।
बाबा रामदेव ने बताया कि वे योग को गांव गावं तक पहुंचाना चाहते हैं और इसके साथ ही गा्रम को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने हेतु ग्राम समितियों का गठन भी कर रहे हैं जो स्वयं के उद्यम स्थापित कर आर्थिक रूप से सम्पन्न हो सके। इस हेतु उन्होंने 11 लाख ग्राम केंद्रों की स्थापना का लक्ष्य रखा है जिसमें से अभी तक वे डेढ़ लाख केंद्र स्थापित भी कर चुके हैं।शाम ५ बजे बाबा रामदेव ने तहसील मुख्यालय बरघाट में पथ जनसभा को संबोधित करने के बाद वे वारासिवनी और बालाघाट के कार्यक्रमों के लिए शाम ६ बजे प्रस्थान कर गए।सिवनी। योग ऋषि बाबा रामदेव अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान योग शिविर, स्वास्थ्य परामर्श, पत्रकार वार्ता और नगर के अनेक गणमान्य नागरिकों और बुद्घिजीवियों से विचार विमर्श में व्यस्त रहे। छिंदवाड़ा से सोमवार की रात गुरु भवन में रात्रि विश्राम के लिए रुके बाबा रामदेव सुबह ५ बजे से योग शिविर में पहुंच गए थे। दोपहर ११ बजे के बाद बाबा शासकीय सुधारालय भी गए। यहां उन्होंने बाल अपराधियों से अच्छे नागरिक बनकर समाज व राष्ट्रसेवा करने का आह्वान किया।
ABDUL QUABIZ KHAN

Tuesday, May 24, 2011

बाबा बोले मैं आपके हाथ जोड़ता हूं , पैर पड़ता हूं....


 मप्र. योग गुरू बाबा रामदेव पत्रकारो के सवालों के जवाब देते समय इतने ज्यादा परेशान हो गए कि उन्होने एक पत्रकार से कहा कि आम मेरे बुर्जग है मैं आपके हाथ जोड़ता हूं , पैर पड़ता हूं कृपया मुझे माफ करे। दरअसल हुआ यूं कि एक सवाल के जवाब में बाबा ने कहा कि आप मेरे से ऐसे सवाल न करे जैसा पुलिस अपराधी से करते हैं...? बाबा के उक्त जवाब पर दैनिक पंजाब केसरी के बैतूल स्थित संवाददाता ने कहा कि बाबा आप को मीडिया ने कभी अपराधी नहीं कहा यदि आप स्वंय को अपराधी मान रहे हैं तो बात हम क्या करे..? बाबा ने स्वंय को अपराधी मानने के सवाल पर उक्त पत्रकार से हाथ जोड़ कर पैर पडऩे तक की बातें कह डाली। बाबा के उक्त व्यवहार से पूरी मीडिया सकते में आ गई कि आखिर ऐसी क्या वज़ह आ गई कि लाखो लोगो से पैर पड़वाने वाले बाबा को पत्रकार के पैर पडऩे की बातें कहनी पड़ी। पूरा वाक्या कुछ इस प्रकार था कि मीडिया बार - बार दिग्यिविजय सिंह को लेकर बाबा रामदेव से सवाल कर रही थी कि जब सारे कांग्रेसी उनके योग शिविर में आकर उनसे दीक्षा ले रहे हैं तब कांग्रेस महासचिव दिग्यिविजय सिंह कब आपके पास आकर दीक्षा लेगें। बाबा ने उक्त सवाल का जवाब तो नहीं दिया लेकिन दिग्गी राजा की निष्ठा पर ही सवाल उठा दिया। बाबा का कहना था कि सच्चे कांग्रेसी उनकी शरण में आ रहे हैं एक दिन प्रधानमंत्री भी उनकी शरण में होगें। राजीव दीक्षित की मौत एवं साधु संतो की जमात द्वारा उन पर लगाए जा रहे आरोपो को बाबा ने नकारते हुए कहा कि आरोप लगाने वाले सच्चे साधु संत नहीं हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि कमलनाथ तक उनके शिविर में उपस्थित रहेगें लेकिन दिग्गी राजा के सवाल को एक बार यह कह कर टाल दिया कि मैं उसकी बात नहीं करना चाहता हूं। बाबा रामदेव ने यह तक नहीं बताया कि लोकपाल बिल के मसोदे पर उनके मतभेद अभी भी जारी हैं या नहीं लेकिन बाबा ने विश्वास दिलाया कि उनके 4 जून के कार्यक्रम में अन्ना हजारे जरूर रहेगें। बैतूल जिले में पहली बार आए बाबा रामदेव यह तक नहीं बता सके कि यदि वे चाणक्य हैं तो चन्द्रगुप्त मौर्य शिवराज सिंह है या फिर नरेन्द्र मोदी..?

प्रदेश गान में ताप्ती का
नाम शामिल होगा
योग गुरू बाबा रामदेव के कार्यक्रम में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ पत्रकारो से चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के राजकीय गान में ताप्ती का नाम शामिल किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के स्कूलो में योग शिक्षा को शामिल करने के लिए योग को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की सरकार प्रदेश में अच्छा काम कर रही हैं। ताप्ती नदी पर रूके पड़े बैराज के कार्य को भी गति दी जाएगी। श्री सिंह सुबह 5 बजे से बैतूल पुलिस ग्राऊण्ड में बाबा रामदेव के योग दीक्षा कार्यक्रम एवं स्वाभीमान ट्रस्ट के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए हुए थे।

चार जून को पूरे देश
भर में
: योग गुरू बाबा रामदेव ने अपने भक्तो से कहा कि मैं 4 जून को नई दिल्ली में एक लाख लोगो के साथ काले धन को लेकर सत्याग्रह करने जा रहा हूं आप सभी जिला स्तर पर सत्याग्रह करे। बाबा रामदेव ने कहा कि विदेशी बैंको में पड़ा कालाधन स्वदेश वापस आ जाता हैं तो देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता हैं। योग गुरू बाबा रामदेव की सभा में पूरे जिले से लगभग पांच हजार लोगो की भीड़ एकत्र हुई थी। बाबा के कार्यक्रम के दौरान बाबा के साथ आए वाहनो में लाई गई सामग्री की बिक्री जमकर हुई। बाबा रामदेव सारनी होते हुए कल छिंदवाड़ा में योग शिविर एवं जनजागरण सभा का आयोजन करेगें।

Monday, May 9, 2011

Gmail - Compose Mail - abdulkabij15@gmail.com

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निजी भूमि पर शासन द्वारा करोड़ों के भवन निर्माण


सिवनी (मध्य प्रदेश)।गोपालगंज में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ कर्मचारियों के लिए निर्मित आवासीय भवन जो करोड़ों रूपये से निर्मित हुए हैं, अभी तक प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर एवं शासकीय अधिकारियों के कथन अनुसार वे निजी स्वामित्व की भूमि पर निर्मित हुए हैं। हालांकि शासन द्वारा अवैध रूप से निर्मित किये गये भवनों पर अपना कब्जा करने के लिए कोई न कोई रास्ता अवश्य खोज लिया जायेगा। परंतु सवाल यह उठता है कि आखिर करोड़ों रूपये के भवन किसी अन्य की भूमि पर बिना किसी स्वीकृति के निर्मित कैसे कर लिये गये और अब जब भूमि स्वामी द्वारा आपत्ति लगायी जा रही है तो जिम्मेदार अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जिस भूमि पर करोड़ों रूपये के उक्त भवन निर्मित हुए हैं वह भूमि न तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकार क्षेत्र की है और न अन्य किसी शासकीय मद की। इसके बावजूद भी यह बात समझ से परे है कि उक्त भवनों के निर्माण के लिए तकनीकि स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति बिना खसरा नंबर और नक्शे के कैसे प्राप्त हुई होगी? जानकारी के अनुसार इन भवनों के निर्माण के लिए पंचायत का भी कोई प्रस्ताव नहीं है। भूमि विक्रय के लिए भू-स्वामी द्वारा भूमि विक्रय प्रमाणपत्र हेतु जब नायब तहसीलदार के यहां आवेदन लगाया गया तो तहसीलदार द्वारा पटवारी का अभिमत एवं सीमाकंन के लिए निर्देश दिये गये। संबंधित पटवारी द्वारा पूरा मामला स्पष्ट करते हुए नक्शा सहित प्रतिवेदन सौंपा गया जिसमें उसने उल्लेख किया है कि खसरा क्र. 71,73 का रकबा सिमरत सिंह पाल के नाम पर दर्ज है। खसरा कालम 12 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्मित है। पटवारी द्वारा मौके का सीमांकन किया गया। सीमांकन के दौरान सिमरत पाल द्वारा नियुक्त मुख्तयार नरेंन्द्र ठाकुर एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गोपालगंज के कर्मचारी उपस्थित रहे हैं। इस भूमि के स्वामित्व को लेकर नायब तहसीलदार न्यायालय द्वारा स्वास्थ्य विभाग से दस्तावेजों की मांग की जाती रही परंतु स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये। तब भूमि स्वामी सिमरत पाल के मुख्तयार को जमीन विक्रय प्रमाणपत्र नायब तहसीलदार द्वारा जारी कर दिया गया। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के लिए निर्मित करोड़ों रूपये के भवन सिमरत पाल की भूमि पर बने हैं, जिसके पास की खाली जगह उसके द्वारा निशा ठाकुर को बेच दी गई है। जानकारों का कहना है कि करोड़ों रूपये के भवन शासन द्वारा किसी के भी अधिकार क्षेत्र की भूमि पर बिना उसकी स्वीकृति के नहीं बनाये जा सकते। यदि मामला न्यायालय में जायेगा तो निर्णय शासन के पक्ष में आना संभव नहीं है। ऐसी स्थिती में शासन का करोड़ों रूपये बर्बाद हो सकता है और यह जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का बड़ा कारण साबित होगा। भवन निर्माण की स्वीकृति बिना खसरा नंबर, नक्शा और भूमि पर अधिकार के पत्र के बिना कैसे प्राप्त हुई और भवनों का निर्माण कैसे हुआ यह पूरा मामला बुरी तरह उलझ गया है। काम का पूर्णता प्रमाणपत्र (सी.सी.) जारी भी हो चुकी है और अंकेक्षण भी इतने सारे चरणों से भवन निर्माण की प्रक्रिया गुजरने के पश्चात यदि यह मामला बिना भूमि अधिकार पत्र के सामने आता है तो अंधेरगर्दी ही कही जायेगी। इस पूरे प्रकरण में जिला कलेक्टर द्वारा नायब तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है, जिससे पूरा मामला और अधिक उलझता दिखायी दे रहा है।
क्या कहती हैं आरोपी अधिकारी
निलंबित नायब तहसीलदार, अनीता भोयर का कहना है कि उनकेे द्वारा राजस्व नियमों के अनुसर ही पटवरी का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर भूमि स्वामी के अधिकार क्षेत्र की भूमि होने के दस्तावेज अवलोकन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा भूमि के किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत न करने के कारण विक्रय प्रमाणपत्र जारी किया गया था। उनका निलंबन किस कारण किया गया है इसकी उन्होंने कोई जानकारी नहीं है वे अभी शहर से बाहर हैं, सिवनी पहुंचने पर कलेक्टर से चर्चा की जाएगी।
दूसरी ओर सिवनी के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है डॉ. वाय.एस. ठाकुर का कहना है कि जिला कलेक्टर द्वारा हुई रजिस्ट्री को शून्य कराने के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिसके लिए आवेदन लगाना है, कानूनी सलाहकारों से इस संबंध में सलाह ली जा रही है। निर्मित भवनों की भूमि पर आधिपत्य से संबंधित कोई दस्तावेज या दानपत्र विभाग के पास उपलब्ध नहीं है, परंतु ऐसा कहा जा रहा था कि भू-स्वामी हरनाम सिंह पाल (जो अब इस दुनिया में नहीं है) के द्वारा भूमि दान में देने के लिए कहा गया था परंतु विभाग न तो दान पत्र लिखा पाया और न भूमि का विभाग के पक्ष में नामांतरण हुआ। स्वास्थ्य विभाग को भवन निर्माण कर पी.डब्ल्यू.डी. ने दिया है। हमारी कोशिश होगी कि निर्मित भवनों की भूमि का दान पत्र भू-स्वामी से लिखा लिया जाये ।

राजनीतिक खेल का अध्‍याय होगा बाबा रामदेव का अनशन?



राजनीतिक खेल का अध्‍याय होगा बाबा रामदेव का अनशन?

नई दिल्‍ली। अगर आपको किसी लकीर को बिना मिटाये, छोटा करना हो तो आप क्‍या
करेंगे? आप ठीक उसी जगह उससे बड़ी दूसरी लकीर खींचेंगे। ठीक उसी प्रकार
कांग्रेस ने योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ खेल खेला है। राजनीतिक सूत्रों
और तथ्‍यों की मानें तो बाबा रामदेव का कद छोटा करने के लिए कांग्रेस ने
पिछले तीन महीनों में बड़ी राजनीति खेली है। सच पूछिए तो 4 जून को बाबा
रामदेव का अनशन कांग्रेस के लिए एक बड़ा काउंटर होगा।

स्‍वामी
रामदेव ने बुधवार को मीडिया को बुलाकर कहा कि वे 4 जून से अनशन पर बैठने जा
रहे हैं। इस अनशन में बाबा के मुद्दे विदेशों में जमा काला धन को वापस
लाने, व इसमें दोषी पाए जाने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा। देश में ज्यादा
मूल्य के करंसी नोट्स बंद किए जाने की मांग और जन लोकपाल बिल में
भ्रष्टाचार के खिलाफ मृत्युदंड के प्रावधान की मांग होगी। अगले महीने की
चार तारीख की ओर रुख करने से पहले अगर दो महीने पीछे जायें तो आपको याद
होगा कि बाबा रामदेव ने नई दिल्‍ली में एक रैली की थी।

उस रैली में
कई बड़े समाजसेवियों के साथ डेढ़ लाख से ज्‍यादा आम लोग एकत्र हुए। इसमें
कोई शक नहीं कि बाबा की उस रैली ने उनका कद कई ऊंचा कर दिया था। तभी से
बाबा की प्रमुख मांग काले धन को स्‍वदेश वापस लाने की है। इसमें कोई शक
नहीं है कि कांग्रेस काला धन वापस लाना चाहती ही नहीं है, शायद इसीलिए
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद अब तक हसन अली के अलावा एक भी व्‍यक्ति
नहीं पकड़ा गया। यही नहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर संसद में कोई
बयान भी नहीं दिया।

कांग्रेस की इस चुप्‍पी के पीछे एक चाल नज़र आ
रही है। हो सकता है कि बाबा का कद छोटा करने के लिए कांग्रेस ने
अप्रत्‍यक्ष रूप से पहले अन्‍ना हजारे को आमरण अनशन के लिए उकसाया हो।

जरा
सोचिये अन्‍ना के अनशन के तीन दिन के भीतर 30 साल से लंबित पड़े लोकपाल
विधेयक को कांग्रेस सरकार ने मंजूरी दे दी। अन्‍ना का कद ऊंचा करने में
मीडिया ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी देखते ही देखते अन्‍ना भगवान बन गये।

इन
सबके साथ कांग्रेस का बाबा रामदेव को छोटा दिखाने का मकसद पूरा हो गया। आप
सोच रहे होंगे कि कांग्रेस ने आखिर कार क्‍यों किया? उसका जवाब भी सीधा
है, बाबा रामदेव अपनी राजनीतिक पार्टी तैयार कर रहे हैं, जिसका जनाधार काफी
मजबूत और सशक्‍त है। कांग्रेस के मन में सत्‍ता छिनने का डर भी इसके पीछे
बड़ा कारण है। यही कारण है कि बाबा की रैली के दौरान कांग्रेस नेता
दिग्विजय सिंह ने योग गुरु पर जमकर कीचड़ उछाला था।

खैर कांग्रेस
ने अप्रत्‍यक्ष रूप से बाबा को चुनौती दे दी है। अब देखना यह है कि
भ्रष्‍टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में बाबा कितनी दूर तक जाते हैं।