Sunday, November 3, 2013
*सभी १८ दावेदारो ने एक साथ होकरकांग्रेस को जितने के लिए कोंगू रजा कि कसम
खाई थी वर्त्तमान में बरघाट से कांग्रेस का अर्जुन काकोडिया को प्रत्याशी
बनाया गया है एक तरफ कसम तो दूसरी तरफ पार्टी कांग्रेस कि मुसीबते बरकरार
प्रथम लिस्ट जारी होते ही विरोध का बिगुल बजाया आदिवासियो ने सिवनी से *
करीब महीने भर कि जद्दोजहद और नेताओ कि रस्साकशी के बाद कांग्रेस ने
मध्यप्रदेश विधानसभा के 115 उम्मीदवारो कि पहली सूची शुक्रवार को जारी कर ही
दी
शुक्रवार कि शाम जैसे ही कांग्रेस कि प्रथम सूची जारी हुई , वेसे ही अपनी
अपनी उमीदवारी जतने वाले नेता जिन्हे आला कमान ने अपनी प्रथम लिस्ट में जगह
नहीं दी, उनके बीच असंतोष का वातावरण बन्ने लगा और विरोध के स्वर सुनाई देने
लगे
ऐसा ही देखने को मिला सिवनी जिले कि आरक्छित सीट बरघाट में जहा कल छेत्र के
18 आदिवासी नेताओ ने अपने त्याग पत्र आलाकमान को फेक्स कर दिया और आलाकमान से
निवेदन किया कि एक बार फिर पुनः बरघाट विधान सभा सीट के उम्मीदवार पर विचार
करे अन्यथा वे खुला विरोध करेंगे !
हम बतादे कि बरघाट विधान सभा से कांग्रेस के अन्य 18 दावेदार जो शुरू से ही
वर्त्तमान उम्मीदवार अर्जुन काकोडिया का विरोध कर रहे थे उनमे अब टिकिट दिए
जेन के बाद व्यापक असंतोष बन गया हे और सभी ने संयुक्त हस्ताक्चर से आला कमान
को पत्र फेक्स किया और उसमे अपनी पीढ़ा लिखी यही नहीं पात्र में ये भी
उल्लेखित किया गया कि यदि पुनः विचार नहीं किया जाता तो सभी का स्तीफा स्वीकार
करे !
यही नहीं इस सम्बन्ध में १८ दावेदारो ने एक साथ संकल्पित होकर जुलाई माह में
कोंगू रजा कि कसम भी खाई थी कि हम सभी कांग्रेस को जीत दिलायंगे परन्तु १८ में
से किसी एक को भी टिकिट न मिलने कि स्थति में ये भी संकल्प लिया था कि हम में
से आलावा किसी को भी टिकिट दी जाती हे तो तनमनधन लगाकर उसे हरयंगे !
जिसके चलते जैसे ही बरघाट से अर्जुन सिंह काकोडिया का नाम आया इन सभी ने अपने
अराध्य के सामने खाई हुई कसम के आधार पर एकत्रित होकर ये कदम उठाया
जोभी हो अब बरघाट सीट कांग्रेस के लिए दिक्कत में पद सकती हे क्योकि बरघाट में
अधिकतम आदिवासी मतदाता है और कई दर्जन आदिवासी नेता जो वर्मन में किसी न कि
बड़े पद पर विराजमान है अब ये सबी नेता धर्म संकट पर पड़ गए हे एक तरफ अराध्य
भगवान कि कसम तो दूसरी तरफ पार्टी जो भी हो उनका निर्णय कांग्रेस कि आशा में
पानी फेरने के लिए पर्याप्त है
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